समय की मांग
(पहले की सोच)
गर कुछ कहना होगा मुझको
मैं बस सच ही कह पाउँगा
गर मुझको कुछ सुनना होगा
मैं सच को ही सह पाउँगा
गर सच मैं ना कह पाया तो
मैं बस चुप ही रह जाऊंगा
झूठ समय की मांग अगर है
मांग ना पूरी कर पाउँगा
(आज की सोच )
गर सच कहना होगा मुझको
मैं सच सच ना कह पाउँगा
गर सच सुनना होगा मुझको
मैं सच को ना सह पाउँगा
जो चाहो मैं कुछ ना बोलूं
तो चुप भी ना रह पाउँगा
झूठ समय की मांग "वीर" है
झूठ दनादन कह जाऊंगा