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विषय वास्तु

TAJA RACHNAYEN

Wednesday, November 13, 2013

ग़ज़ल



ग़ज़ल


चुप है वो कुछ राज तो जरूर होगा 
है यक़ीं ये भी के वो मजबूर होगा 

कल तलक़ जो राज करता था सभी पे
सच बयां कर अब दिलों से दूर होगा 

सर कटाने की जिसे परवाह नही हो
सर झुकाना उसको कब मंजूर होगा

जिसको जीते जी नही पूछा किसी ने
क्या पता था मर के वो मशहूर होगा 

आईना दिखला रहा है राज पथ पर 
उसमें हिम्मत हौसला भरपूर होगा 

गिर पड़ा है भूख से वो चकराकर 
लोग कहते है नशे में चूर होगा

- वीरेश अरोड़ा "वीर"
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