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विषय वास्तु

TAJA RACHNAYEN

Friday, July 27, 2012

रिश्ता/सम्बंध" पर मेरे कुछ हाइकु








थे शर्तो पर

कब तक रहते

रिश्ते हमारे



रेशमी धागे

संबंधों के उलझे

गांठ का डर



अहं की गर्मी

रिश्तो का वटवृक्ष

ठूंठ हो गया



बंधक रिश्ते

शर्तो की बेडियो में

चलते कैसे



रिश्तों का घर

अहम् की दीमक

रिसते रिश्ते



छिप ना पाई

संबंधों की खटास

जग हँसाई





Sunday, July 22, 2012

प्यास - हाइकु







प्यास जो टूटी
कुछ कर जाने की
जीना बेकार

प्यास थी जब
जिन्दा था, हुआ तृप्त
मृत घोषित !

प्यास से आस
देश के विकास की
कभी ना टूटे !

मैं भी नहा लूँ
मैलापन मिटा लूं
गंगा की प्यास !

Saturday, July 07, 2012

सावन - 2 हाइकु






सावन आया 

मेघा कहाँ हो तुम

आ भी जाओ ना 


2

कटते वन

ना मेघ ना घटाएँ 

रूठा सावन 











Thursday, July 05, 2012

बंधे रिश्ते-हाइकु




रिश्ते जो बंधे
शर्तों की बेड़ियों में 
चलते कैसे 










जग हँसाई-हाइकु















छिप ना पायी
संबंधो की खटास
जग हँसाई







घन बरसे -हाइकु




घन बरसे 
माटी की महक से 
मन हरसे 


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