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विषय वास्तु

TAJA RACHNAYEN

Sunday, July 22, 2012

प्यास - हाइकु







प्यास जो टूटी
कुछ कर जाने की
जीना बेकार

प्यास थी जब
जिन्दा था, हुआ तृप्त
मृत घोषित !

प्यास से आस
देश के विकास की
कभी ना टूटे !

मैं भी नहा लूँ
मैलापन मिटा लूं
गंगा की प्यास !

6 comments:

  1. sabhii haaiku bahut sundar ...!!

    saadar
    jyotsna sharma

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    1. This comment has been removed by the author.

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    2. हाइकु पसंद करने के लिए और उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार ज्योत्शना शर्मा जी

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  2. जब तक हे प्यास बनी रहेगी आप से मिलन की आस सुभकामनाये

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  3. हाइकु पसंद करने और उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार ज्योत्शना शर्मा जी.

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  4. हाइकु पसंद करने के लिए हर्दिक आभार भावसर साहब

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