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वीरेश अरोड़ा "वीर"
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TAJA RACHNAYEN
Thursday, July 05, 2012
बंधे रिश्ते-हाइकु
रिश्ते जो
बंधे
शर्तों की बेड़ियों में
चलते कैसे
जग हँसाई-हाइकु
छिप ना पायी
संबंधो की खटास
जग हँसाई
घन बरसे -हाइकु
घन बरसे
माटी की महक से
मन हरसे
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