welcome


विषय वास्तु

TAJA RACHNAYEN

Wednesday, June 06, 2012

फल की चाह




हाइकु

फल की चाह
डाली झुकाई खूब 
टूटनी ही थी





रिश्ते हमारे





हाइकु

थे शर्तो पर
कब तक रहते
रिश्ते हमारे 

झूठा गुरूर




हाइकु

झूठा गुरूर
संबंधों  में दरार
किसे  स्वीकार  !


माँ की दुविधा




हाइकु

बेटो में बटी
चीजें सभी घर की
माँ की दुविधा





Tuesday, June 05, 2012

कोमल रिश्ते





हाइकु

कोमल  रिश्ते 
अहम की दीमक
कुछ ना बचा



अहं की गर्मी




हाइकु

अहं की गर्मी
रिश्तो का वट वृक्ष
ठूंठ हो गया








Sunday, June 03, 2012

समय की मांग




समय की मांग




(पहले की सोच)

गर कुछ कहना होगा मुझको 

मैं बस सच  ही कह पाउँगा

गर मुझको कुछ सुनना होगा

मैं सच को ही सह पाउँगा

गर सच मैं ना कह पाया तो

मैं बस चुप ही रह जाऊंगा

झूठ समय की मांग अगर है

मांग ना पूरी कर पाउँगा 


(आज की सोच )


गर सच कहना होगा मुझको

मैं सच सच ना कह पाउँगा

गर सच सुनना होगा मुझको

मैं सच को ना सह पाउँगा

जो चाहो मैं कुछ ना बोलूं

तो चुप भी ना रह पाउँगा

झूठ समय की मांग "वीर" है

झूठ दनादन कह जाऊंगा 




                 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...